“Illnesses will likely be ended, all pains will be long gone, whenever a devotee repeatedly repeats Hanuman the brave’s name.”
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥ दुर्गम काज जगत के जेते ।
मंगलवार, शनिवार के अलावा हनुमान जयंती, राम नवमी और नवरात्रे जैसे शुभ अवसरों पर भी आप हनुमान जी को समर्पित यह सभी पाठ कर सकते है। हनुमान चालीसा लिरिक्स को महान संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है।
— Mahatma Gandhi Photo the most powerful male on earth hurrying as a result of palace corridors, arms laden with textbooks. This was no imagined scene, but alternatively a true second through the life of Roman Emperor
The Stoic virtue of knowledge, or sophia, stands for a beacon guiding us throughout the complexities of daily life. It isn't merely the accumulation of knowledge, but instead the appliance of comprehension to navigate the globe with equanimity and discernment. Inside our speedy-paced, info-saturated age, knowledge will become an indispensable
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
You flew toward the sun who's Countless years of Yojanas away, considering him for a sweet fruit
व्याख्या – कोई औषधि सिद्ध करने के बाद ही रसायन बन पाती है। उसके सिद्धि की पुनः आवश्यकता नहीं पड़ती, तत्काल उपयोग में लायी जा सकती है और फलदायक सिद्ध हो सकती है। अतः रामनाम रसायन हो चुका है, इसकी सिद्धि की website कोई आवश्यकता नहीं है। सेवन करने से सद्यः फल प्राप्त होगा।
हर बाधाओं को दूर करने हेतु, तनाब मुक्त रहने के लिए, यात्रा प्रारंभ से पहले, बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु एवं मनोकामनाएं सिद्धि के लिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
भावार्थ – भगवान् श्री राघवेन्द्र ने आपकी बड़ी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुम भाई भरत के समान ही मेरे प्रिय हो ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥
व्याख्या – भजन का मुख्य तात्पर्य यहाँ सेवा से है। सेवा दो प्रकार की होती है, पहली सकाम, दूसरी निष्काम। प्रभु को प्राप्त करने के लिये निष्काम और निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता है जैसा कि श्री हनुमान जी करते चले आ रहे हैं। अतः श्री राम की हनुमान जी जैसी सेवा से यहाँ संकेत है।
The Hanuman Chalisa can Preferably be go through or recited in early mornings and evenings, especially prior to or in the course of dawn, and during or just after sunset. You can even recite it during your day-to-day commute to work (like me) or in advance of going to rest at nighttime.